Indian Plane Hijacked Story Series: पैन एएम की फ्लाइट 73 ने 5 सितंबर 1986 को देर रात मुंबई एयरपोर्ट से न्यूयार्क के लिए उड़ान भरी थी. इस फ्लाइट को पाकिस्तान के कराची और जर्मनी के फ्रैंकफर्ट एयरपोर्ट होते हुए न्यूयार्क पहुंचना था. करीब 394 पैसेंजर्स और 13 फ्लाइट क्रू के साथ यह प्लेन सुबह करीब छह बजे कराची एयरपोर्ट पर लैंड हुआ. यहां पर फ्लाइट से करीब 109 पैसेंजर्स को उतरना था. प्लेन से पैसेंजर्स के बाहर आने का क्रम जारी ही था. वहीं, फ्लाइट क्रू हेड नीरजा भनोट अपनी साथी एयर होस्टेस के साथ पैसेंजर्स को सी-ऑफ कर रही थी. तभी एयरक्राफ्ट के पास एक वैन आकर रुकी. बेकन लाइट लगी इस वैन के अंदर चार लोग एयरपोर्ट सिक्योरिटी एजेंसी की ड्रेस में थे, जबकि पांचवां शख्स पाकिस्तानी सलवार कमीज में था.
असॉल्ट राइफल्स, पिस्टल, ग्रेनेड और एक्सप्लोसिव बेल्ट से लैसे इन लोगों ने वैन से बाहर निकलते ही गोलियों की बौछार शुरू कर दी. इस गोलीबार में कुवैत एयरलाइंस के दो स्टाफ की जान चली गई. ये आतंकी गोलियों की बौछार करते हुए तेजी से पैन एएम 73 के लैडर पर चढ़ने लगे. वहीं, गोलियों की आवाज सुनते ही नीरजा भनोट ने प्लेन का डोर बंद करने की कोशिश की, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी. हथियारों से लैस पांचों हाइजैकर्स प्लेन में दाखिल होने में सफल हो गए थे. हाईजैकर जब तक प्लेन पर काबू पाते, इससे पहले नीरजा भनोट ने बेहद चतुराई से हाईजैक की जानकारी कॉकपिट क्रू को दे दी. वहीं, हाईजैक के बारे में पता चलते ही सभी पायलट इनर्शियल रील एस्केप डिवाइस की मदद से प्लेन के ओवरहेड इमरजेंसी हैच से बाहर आ गए.
नहीं मिला पायलट तो पैसेंजर को मार दी गोली
हाईजैकर को जब पायलट्स के बारे में पता चला तो वह बुरी तरह से बौखला गए. दरअसल, हाईजैकर्स का असल मकसद प्लेन को साइप्रस और इजराइल ले जाना था, जिससे वह प्लेन में मौजूद पैसेंजर्स का सौदा कर, वहां की जेलों में बंद फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा करा सकें. बाद में, इसी प्लेन से वह अपने साथियों को लेकर अपनी मंजिल पर वापस आ जाते. लेकिन, पायलट के चले जाने की वजह से उनके इस प्लान पर लगभग पानी फिर गया था. हाईजैकर्स ने धमकी दी कि जल्द प्लेन में पायलट नहीं भेजा गया, तो वह एक-एक कर पैसेंजर को गोली मारना शुरू कर देंगे. लंबे इंतजार के बावजूद पायलट नहीं पहुंचे. जिसके बाद, बौखलाए हाईजैकर्स का सब्र जवाब देने लगा. बौखलाहट में हाईजैकर्स ने अरुण कुमार नाम के पैसेंजर को निशाने पर ले लिया.
हाल में अमरीकी नागरिकता पाने वाले भारतीय मूल के राजेश कुमार को डोर एज पर घुटनों के बल बैठा दिया और सिर पर पिस्टल रखकर प्लेन का डोर खोल दिया. हाईजैकर्स ने धमकी दी कि यदि 30 मिनट में पायलट नहीं भेजा गया तो वह राजेश कुमार को गोली मार देंगे. 30 मिनट बीतते ही हाईजैकर्स ने राजेश को गोली मारकर प्लेन के नीचे फेंक दिया. अब हाईजैकर्स को अपने अगले निशाने की तलाश थी और उन्हें वे अपना निशाना अमेरिकी नागरिक पर लगाना चाहते थे. लिहाजा, हाईजैकर्स ने फ्लाइट अटेंडेंट भनोट, सनशाइन वेसुवाला और माधवी बहुगुणा से पैसेंजर के पासपोर्ट इकट्ठा करने के लिए कहा. वहीं, नीरजा हाईजैकर्स के मंसूबे भांप चुकी थी, लिहाजा उसने अपनी सभी साथियों से अमेरिकी पासपोर्ट छिपाने के लिए बोल दिया.
बच्चों को बचाने के लिए दे दी खुद की कुर्बानी
नीरजा की सूझबूझ के चलते हाईजैकर्स किसी भी अमेरिकी नागरिक की पहचान नहीं कर सके, लिहाजा उन्होंने ब्रिटिश नागरिक माइकल जॉन थेक्सटन को अपना अगला निशाना बना लिया. हाईजैकर्स ने माइकल जॉन थेक्सटन को डोर-एज पर बैठाया और एक बार फिर पायलट अरेंज न कर पाने पर गोली मारने की धमकी दी. इसी बीच, पाकिस्तानी सिक्योरिटी अफसरों की बेवकूफी के चलते हाईजैकर्स ने फ्लाइट के रेडियो ऑपरेट को पहचान लिया और बौखलाहट में उसे गोली मार दी. रात के करीब नौ बजे प्लेन की इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई ब्लिंक करके बंद हो गई और इमरजेंसी लाइट जल गई. हाईजैकर्स को लगा कि यह पाकिस्तानी सिक्योरिटी एजेंसी की कोई चाल है, लिहाजा गुस्से में उन्होंने पैसेंजर्स पर गोलियां बरसाना और ग्रेनेड फेंकना शुरू कर दिया. इसी बीच नीरजा ने हिम्मत दिखाते हुए प्लेन का एक इमरजेंसी गेट खोल दिया और पैसेंजर्स को प्लेन से बाहर निकालना शुरू कर दिया.
नीरजा की हिम्मत देख दूसरी एयर होस्टेस और पैसेंजर्स ने भी हिम्मत की और प्लेन का गेट खोलकर बाहर निकलना शुरू कर दिया था. इस बीच, नीरजा के पास पूरा मौका था कि वह प्लेन से सुरक्षित बाहर निकल जाए, लेकिन उसने देखा कि तीन छोटे बच्चे अभी भी प्लेन में फंसे हुए हैं. लिहाजा, उसने खुद की परवाह न करते हुए तीनों बच्चों को सुरक्षित बाहर निकालने की कोशिश में लग गई. इसी कोशिश के दौरान, हाईजैकर्स की निगाह नीरजा पर पड़ गई और उसने नीरजा के शरीर को गोली से छलनी कर दिया. कई गोलियां लगने के बावजूद नीरजा ने हिम्मत नहीं हारी और तीनों बच्चों को प्लेन से सुरक्षित बाहर निकाल दिया. अब तक पाकिस्तानी कमांडो भी प्लेन में दाखिल हो चुके थे और हाईजैकर्स पर उन्होंने कुछ ही मिनटों के बाद काबू पा लिया था.
अशोक चक्र पाने वाली नीरजा को पाक ने दिया खास ‘निशान’
इस हाईजैक में कुल 51 पैसेंजर्स और क्रू मेंबर्स हतातह हुए, जिसमें इटली के 13, भारत के 12, यूनाइटेड किंगडम के 11, आयरलैंड के 4 और पाकिस्तान के 3 नागरिक शामिल हैं. इसके अलावा, प्लेन के भीतर हुई गोलीबारी में ऑस्ट्रेलिया, डेनमार्क, मेक्सिको और अमेरिका के 2-2 नागरिक हतातह हुए थे. इस हाईजैक में जान गंवाने वाले पैसेंजर्स और क्रू की संख्या करीब 22 थी. बाद में, पाकिस्तानी अफसरों की जांच में पता चला कि हाईजैकर्स फिलिस्तीन मूल के नागरिक थे और उनका संबंध अबू निदाल नाम आतंकी संगठन से था. इन हाईजैकर्स की पहचान जैद हसन अब्द अल-लतीफ सफ़ारीनी, जमाल सईद अब्दुल रहीम, मुहम्मद अब्दुल्ला खलील हुसैन अर-रहयाल और मुहम्मद अहमद अल-मुनवर के रूप में हुई थी.
वहीं, अपनी जान न्योछावर कर यात्रियों की जान बचाने वाली एयर होस्टेस नीरजा भनोट को भारत सरकार की तरफ से अशोक चक्र से सम्मानित किया गया था. वहीं पाकिस्तान ने भी नीरजा भनोट की बहादुरी को सलाम करते हुए निशान-ए-पाकिस्तान के खिताब से नवाजा था. इसी तरह, नीरजा को यूनाइटेड स्टेट स्पेशल करेज अवार्ड से सम्मानित किया गया था.